सोच के बड़ा अजीब सा लगता है की देश की राजनीती बिलकुल ही खोखलेपन की तरफ जा रही है। खास तौर पर अगर हम महाराष्ट्र के राजनीतिक माहौल की बात करे तो इस समय प्रदेश की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियाँ मराठी वोट बैंक को अपनी तरफ रखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। लेकिन लगभग सभी ही दलों की सोच मराठी मानुष की भलाई के बजाये उनकी परेशानियों को किसी न किसी तरह बढ़ने की है।
इस समय जब देश को पूरी तरह एक जुट रहने की जरूरत है तो राज ठाकरे और शिव सेना के लोग देश तोड़ने की पूरी कोशिश कर रहे है। राज ठाकरे जिसको शिवसेना का विकल्प बनना है और जिसका कोई अपना हर रोज सड़क पर होने वाली डुंडा गर्दी में ना ही चोट खाता है, और ना ही जेल नहीं जाता है ; उसको कोई फर्क नहीं पड़ता है की मार खाने वाला उत्तर भारतीय है या मराठी या कोई और।
हाँ यह सच है कि मुंबई और महाराष्ट्र की कुछ परेशानिया है, जनसंख्या दबाव के ले कर, लेकिन देश का संविधान किसी को ये अधिकार नहीं देता की आप बल पूर्वक किसी को कोई शहर या प्रदेश छोड़ने को मजबूर करे। भारत एक स्वत्रंत और गड्तंत्र देश है और यहाँ का हर नागरिक कही भी जा कर कम करने को और रहने को स्वतन्त्र है।
किसी देश का मतलब ही यही होता है किस सब मिल कर कम करे और मिल कर आगे बढे। किसी को अगर आगे निकलना है तो अपने को और योग्य बनाये, न की आगे बढ़ने वाले को मर पीट के पीछे घसीटे। लेकिन ये बात राज को नहीं समझ आयेगी क्यों कि उसको आम लोगो के भाईचारे और प्रेम को तोड़ कर ही तो राजनीती करनी है। और वह भी हर कीमत पर और किसी भी कीमत पर।
इन सारे सामाजिक विद्वेष के बीच में भी ये देख के अच्छा लगता है की प्रदेश का आम आदमी अभी भी इस आग से दूर है वरना अब तक देश में ग्राहयुद॒ध शुरू हो चुका होता । कल ही देश के योग गुरु बाबा राम देव ने, उत्तर भारतीयों के ऊपर हो रहे अत्याचारों पर अपना विरोध जताया था और आज "आर एस एस" ने भी कहा है की वो महाराष्ट्र में हो रहे उत्तर भारतीयों पर अत्याचार के विरोध में खड़े होगे और लोगो की सहायता करेगे।
देश के किसी भी व्यक्ति की सुरक्षा का दायित्व देश और प्रदेश की सरकार पर है लेकिन जिस देश कि सरकार सोती है वहां की प्रजा को जागना और सजग रहना होता है काश महाराज शिवा जी के नाम पर राजनीत करने वाले यह समझ पाए की किसी राष्ट्र की शक्ति उसकी एकता और अखंडता में है न की आपसी विद्वेष में।
जय हिंद ॥ जय भारत ॥ जय महाराष्ट - जिसने शिवाजी जैसा राष्ट्र भक्त भारत देश को दिया....
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