कल रात को मुम्बई से एक खबर आयी, मुंबई पुलिस ने एक पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ़्तारी २००६ के एक फर्जी मुडभेड के केस में हुई है। यहाँ पर ये बता देना बहुत जरूरी है, ये वही प्रदीप शर्मा है जिन्होंने एक बहुत बड़ी भूमिका अदा करी थी मुंबई से underworld को ख़तम करने में। इनके हिस्से में ११२ से जयादा अपराधियों के खात्मे का शानदार रिकॉर्ड है। प्रदीप शर्मा जी उन बहुत कम पुलिस वालो में से थे जिनका डर अपराधियों के दिलो दिमाग पर था।
प्रदीप शर्मा को २००७ में ही पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था, जिसको खिलाफ प्रदीप शर्मा पुलिस pannel/कोर्ट में गए थे और जीत हासिल करी थी। इसके बाद भी मुंबई पुलिस ने उनकी बर्खास्तगी कायम रक्खी, और मुंबई हाई कोर्ट में चली गयी। इसके बाद से मुंबई हाई कोर्ट में प्रदीप के खिलाफ केस चल रहा है और वो पुलिस विभाग से बाहर है.
निश्चित तौर पर प्रदीप शर्मा की गिरफ़्तारी उन कुछ दिलेर पुलिस अफसरों का मनोबल तोड़ने वाली साबित होगी जो अपराधियों के खात्मे के लिए सारे "RISK" उठा के देश के लिए कम करते है। काश भारतीय कानून व्यवस्था इतनी तेज और मारक अपराधियों के खिलाफ रहती , तो देश का बहुत भला हो जाता।
मुझे नहीं पता प्रदीप शर्मा के गिरफ़्तारी के पीछे कोई अपराधिक-राजनीतिक सोच भी कम कर रही है क्या !! लेकिन निश्चित है बिना इसके मुंबई पुलिस, प्रदीप को छु भी नहीं सकती थी...
Thursday, January 7, 2010
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